Housing.com Business case study in Hindi
Housing.com Business case study in Hindi - सबसे पहले आप जान लें हाउसिंग.कॉम (HOUSING.COM) क्या है? HOUSING.COM एक real estate कंपनी है जो प्लॉट से लेकर कमरे तक बेचती है और किराए पर देती है आस फिलहाल तो वो लोन जैसी सुविधा भी देने लगे है। अगर आपको HOUSING.COM के business model के साथ उनकी strategy और business idea के बारे में जानना है तो इस पोस्ट को पूरा पढ़े और जुड़े रहने के लिए हमारा Telegram जरूर ज्वाइन करें।Housing.com Business case study in Hindi
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HOUSING.COM को क्यों बनाया गया - Housing.com Business case study in Hindi
- आपको customize घर देना मतलब जिसको जैसा घर चाहिए उसको वैसा घर मिल सकता है।
- जिनका घर है वो घर कभी भी खाली ना हो और उसमे हमेशा कोई ना कोई रहे।
- HOUSING.COM पर जैसा घर दिखाया जाता है वैसा ही मिलता है न की broker द्वारा दिखाए घर से बिल्कुल अलग।
HOUSING.COM business strategy
HOUSING.COM अपने Brokers और Landlord’s को अपनी जगह की फोटो अपलोड करने की अनुमति देता है। और घर की सभी चीजे भी आप लिख सकते है ताकि जो इंसान जैसा फ्लैट ढूंढ रहा है उसे वैसा ही फ्लैट मिले।
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HOUSING.COM की शुरुआत - Housing.com Business case study in Hindi
HOUSING.COM की शुरुआत राहुल यादव ने की और बाद में उन्होंने अपनी कॉलेज की १२ दोस्तो को भी इसमें शामिल कर लिया। लॉन्च से HOUSING.COM ने अच्छा काम करना शुरू कर दिया और उन्होंने इन्वेस्टर्स का ध्यान अपनी तरफ खींचा।
HOUSING.COM में आंतरिक प्रोब्लम
HOUSING.COM में काम करने वाले कुछ तो ज्यादा एक्टिव थे और कुछ लोग इसे थे जो कुछ काम करना ही नहीं चाहते थे। जिस कारण भी ये फैल होता दिखाई दे रहा है।
HOUSING.COM business model
शुरुआत में HOUSING.COM एक subscription modal पर काम करता था जिसमे एक बार ₹8000 देकर Brokers या owner जितनी चाहे उतनी property अपलोड कर सकता था।
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HOUSING.COM की मिली funding - Housing.com Business case study in Hindi
Softbank ने 2014 में HOUSING.COM में ₹550 करोड़ की Funding दी जिससे हाउसिंग.कॉम ने ग्लोबल जाने का सोचा।
लेकिन HOUSING.COM के शुरुआती investor sequoia capital ने कंपनी के और investors से नाराजगी जाहिर करना शुरू की और हर एक decision लेने में Board of directors को बहुत टाइम लगने लगा।
और एक कंपनी टाइम पर न खरीदने के कारण राहुल यादव को Investors ने कंपनी से निकाल दिया और राहुल ने अपने सारे स्टेक अपने कंपनी के employees में बांट दिया। और उनके जाने के बाद कंपनी ने कई ceo बदले और कंपनी डूबती चली गई।
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